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Nagraj aur Lal Maut Review : Deathwish in the Deserts of Dubai

Nagraj aur Lal Maut

Nagraj aur Lal Maut की कहानी का केंद्र है दुबई, अपने भीतर तेल के अम्बार समेटें खाड़ी देशों का एक गौरव । जिसका शासन वहां के अमीर अल बुखारी के हाथों में था । लेकिन युसूफ बिन अली खान, अल बुखारी की हत्या कर दुबई की सत्ता हथिया लेता है ।

नागराज बच्चों का दोस्त। अपराधियों का दुश्मन। विश्व से खतरनाक आतंकवादी गिरोहों और अपराधियों को समाप्त करने का प्रण लिये दुबई आ पहुँचा। जहाँ उसका सामना होता है युसूफ बिन अली खान उर्फ़-YBAK से।

युसूफ बिन अली खान – एक अंतर्राष्ट्रीय शातिर अपराधी, दुबई में जिसकी हुकूमत का सिक्का चलता है। दुनियां भर में उसका जानवरों की खालों, सींगो व बेशकीमती हाथी दांत का अवैध व्यापार चलता है।

नागराज की पुरानी क्लासिक चित्रकथाओं के खलनायक बड़े शानदार होते थे। भले ही वो सुपर पॉवर से लैस ना हो लेकिन दिल जीत लेते थे। ऐसे खलनायक जो मात्र 32 पृष्ठों की चित्रकथाओं में अमिट छाप छोड़ जाते। क्या रुतबा, क्या धाक, क्या सियासत थी इनकी, सभी एक से बढ़कर एक प्रभावशाली खलनायक।

और वैसे भी यूसुफ बिन अली खान से तो पुराने नागराज फैन्स वैसे ही परिचित है। नागराज (नागराज सीरीज की प्रथम कॉमिक्स ) और Nagraj aur Lal Maut । नागराज सीरीज की इन दो चित्रकथाओं में भी पाठक यूसुफ बिन अली खान परिचित हो चुके है । मिडिल ईस्ट में यूसुफ बिन अली खान को मौत का सौदागर भी कहा जाता है । अपनी निशाने बाजी के लिये मशहूर यूसुफ बिन अली खान उड़ती चिड़िया की आंख का निशाना लगा सकता है ।

‌रुएबा खातून – अमीर अल बुखारी की इकलौती पुत्री जो अपने वालिद के साथ सक्रिय रूप से राजनीति में प्रवेश कर चुकी थी । लेकिन युसूफ बिन अली खान ने रुएबा खातून के पिता अल बुखारी की हत्या कर दुबई की सत्ता हथिया ली पिता की मृत्यु के बाद प्रतिशोध की आग में जल रही रुएबा प्रण लेती है की वह युसूफ बिन अली खान से पिता की मौत का बदला लेकर रहेगी।

पर रुएबा खातून वर्तमान में दुबई के शासक युसूफ बिन अली खान की शक्ति से वाफिक है और उसे मालूम है बिना किसी मदद के वह युसूफ बिन अली खान की जालिम हुकूमत को नेस्तनाबूद नहीं कर सकती । रुएबा खातून की सारी उम्मीदें है नागराज से , जिसके मजबूत कंधो पर है संपूर्ण विश्व की रक्षा का भार, रुएबा का विश्वास है की नागराज अपनी अपराध उन्मूलन यात्रा के दौरान दुबई भी आएगा और दुबई को युसूफ बिन अली खान और उसकी जालिम सियासत से मुक्ति दिलाएगा।

‌रुएबा की ख्वाहिश पूरी हो जाती है । जब नागराज अपने अपराध उन्मूलन सफर के दौरान आ पहुँचता है दुबई यूसुफ बिन अली खान की जालिम सम्राज्य की धज़्ज़ियां उड़ाने। ‌रुएबा खातून द्वारा शहर के चप्पे चप्पे में में लगवाए गए पोस्टर जिसके जरिये वो लगाती है नागराज से मदद की गुहार।‌उम्मीद का दूसरा नाम है नागराज, ‌रुएबा के नागराज के प्रति अट्टू विश्वास पर खरा उतरता है नागराज ‌और पहुंच जाता युसूफ बिन अली खान के काले साम्राज्य का अंत करने ।

लेकिन नागराज को युसूफ बिन अली तक पहुँचने के लिये लाल मौत को पार करना होगा। लाल मौत जमीन के नीचे छुपी ऐसी बला जो कदमों की आहट पर झपटती है। और कुछ ही पलों में अपने शिकार को जिंदगी से रिहा कर देती है।

क्या नागराज युसूफ बिन अली खान की जालिम हुकूमत का अंत कर सका ? क्या कदमों की आहट पर झपटने वाली लाल मौत को नागराज मात दे पाया ? इन सारे सवालों के जानने के लिये पढ़े नागराज सीरीज का सनसनीखेज कॉमिक्स Nagraj aur Lal Maut

नागराज की एक और बेहतरीन कॉमिक्स Nagraj aur Lal Maut की कहानी – तरुण कुमार वाही जी द्वारा लिखी गयी, कवर पेज- प्रताप मुलिक जी द्वारा गढ़े गए, नागराज के एक से बढ़कर एक बेहतरीन कवर्स पेज में से एक जिसका कोई जवाब नहीं, पिछले शानदार क्लासिक कवर्स की तरह एक और लाजवाब कवर जो आजतक पुराने पाठकों के जेहन में है ।

चित्रांकन- क्लासिक नागराज की पिछली चित्रकथाओं की तरह Nagraj aur Lal Maut में भी चंदू जी की शानदार चित्रकारी एक बार फिर से मन मोह लेती है ।