मुलिक जी के चित्रों की एक ख़ास बात और है उनके किरदार जिस भी देश जिस भी प्रान्त के होते थे उनके चित्रों में लगता था की हाँ भाई ये वही का है, अगर हांगकांग है तो सब के सब हांगकांग वाले, अगर अफ्रीका में है तो सब के सब अफ़्रीकी, सर गोर या काले के कारण ही नहीं चित्रों के कारन. एक और बेहतरीन आर्टवर्क नागराज और लाल मौत का प्रमोशनल विज्ञापन