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Origins

Origin of The Phantom : For those who came late

The Phantom

The Phantom की कहानी  Phan Tom की ज़ुबानी। कॉमिक की काल्‍पनिक दुनिया में The Phantom कहां से आया और कैसे आया। अपनी कॉमिक में दिखाया कि 1516 में एक क्रिस्‍टोफर नाम का एक लड़का था। जिसके पिता क्रिस्‍टोफर वाकर सतं मारिया नाम के जहाज के कप्तान थे। उनका बेटा जब बीस साल का हुआ तो उसने अपने पिता के जहाज पर ही काम करना शुरु कर दिया। पिता का जहाज फिर एक या़त्रा के लिए तैयार था और उनका बेटा भी उनके साथ या़त्रा पर गया।

17 फरवरी 1536 को जब जहाज अफ्रीका के निकट बंगाला की खाड़ी में पहुंचा तो वहां पर समुंद्री लुटेरों ने जहाज पर हमला कर दिया। जहाज के कप्तान क्रिस्टोफर सीनियर बहुत बहादुरी से लड़े लेकिन समुद्री डाकुओं के सरदार ने उन्हे मार डाला और जहाज का माल लूट लिया साथ ही जहाज को विस्फोट कर के उड़ा दिया। कप्तान का लड़का यानि की क्रिस्टोफर किसी तरह तट तक पहुंच गया लेकिन वह बेहोश था।

उस टापू पर आदिवासी रहते थे जो बहुत छोटे कद के काले मुंह वाले थे। उन लोगों ने क्रिस्टोफर का बचाया और उसका उपचार कर उसे स्वस्थ्य कर दिया। एक दिन क्रिस्टोफर जब समुंद्र की तट पर टहल रहा था तो उसने एक सड़ी गली लाश मिली और उसे ध्यान आया कि उस लाश का मुंह और कद उससे मिलता है जिसने उसके पिता की हत्या की थी यानि की वही समुंद्री लुटेरा।

क्रिस्टोफर ने उसी समय कसम खाई कि वह दुनियां से लुटेरो, डकैतो और अन्याय करने वालों का नाश कर देगा और उसने कहा कि वो स्वयं और उसके आने वाली संताने भी यही काम करेंगी। वह दिन और आज का दिन The Phantom कभी नही मरा क्योकि उसके मरने के बाद उसका लड़का उसका काम संभाल लेता है और पहन लेता है वही नकाब।


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The Phantom ने उन आदिवासियों की भाषा सीखी रीति रिवाज सीखें और तब वह जान पाया कि वे सब उजीकी नाम के देवता के गुलाम है जो उनका शोषण करता है उस काले देवता की ताकत से सब डरते थे। फिर The Phantom ने उन जंगली बौनों की सेना बनाई और उनके देवता उजीकी पर हमला बोल दिया। वहां न्याय का शासन कायम कर दिया। The Phantom ने अपनी एक अलग ही दुनियां को रचा। घनें जगंल में खोपड़ी नुमा गुफा और रस्सी से आने जाने के लिए लिफ्ट भी लगाई थी, जिसे वही बौने अफ्रीकी चलाते थे। ली ने अकसर अपनी कॉमिक में बताया कि एक बेताल जब वृद्ध हो जाता है तो मरने से पहले अपने खानदान की परम्परा का बता जाता है, जिसके बाद आगे का बेटा बेताल बन जाता है।

अमेरिका के ली फ्रलैक ने इस बेताल यानी The Phantom को पैदा किया और उसे अफ्रीका के एक काल्पनिक देश बंगाला से जोड़ा। बेताल को कोई दैवीय शक्ति नहीं मिली हैं बल्कि वह अपनी ताकत और सूझ बूझ से अपराधियों से लड़ता है। उसकी प्रेमिका डायना है जिससे वह शादी भी कर लेता है यह कॉमिक 1978 के आस पास आयी थी जब बेताल यानि की क्रिस्‍टोफर अमेरिका में पढ़ने वाली अपनी प्रेमिका डायना से शादी करता है और उसे अपने घर ले जाकर उस खोपड़ी नुमा गुफा का रहस्य बताता है।

The Phantom के दो बच्चे भी होते है जिनका नाम किट और हिलोईस है। नीले रंग की पोशाक बहनने वाले बेताल के साथ हमेशा उसका प्यारा घोड़ा हीरो उसके साथ रहता है जो उतना ही समझदार और गति में हवा से बात करने वाला है। उसके साथ दुश्मनों पर टूट पड़ने वाला उसका पालतू और प्रशिक्षित भेडि़या भी है।


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अफ्रीका का वह काल्पनिक देश बंगाला की जंगल पेट्रोल के लोग अकसर बेताल को बुलाते थे जब समस्या उनके हाथों से निकल जाती थी। जब बेताल भारत में आया तो कॉमिक स्ट्रिप में उस देश का नाम बंगाला के स्थान पर डेनकाली हो गया था। बेताल को भी जंगल के वे बौने एक ड्रम बजाकर बुलाते थे और सबसे रोचक तो यही था कि एक के बाद एक आदमी उस ड्रम को बजाकर बेताल को बुलाता था।

बेताल कही भी हो उस तक संदेश पहुंचते ही वह मौके पर पहुंच जाता और इसी लिए उसे चलता फिरता प्रेत कहत है। लम्बा कद और नीले रंग की नकाबपोश पोशाक पहने सफेद घोड़े पर सवार जंगलों को चीरता हुआ अपने खूंखार भेडि़ये के साथ दुश्मनों पर ऐसा टूट पड़ता कि उन्हे लगता कोई हवा का छोंका आया था। मारे गये और बेहोश लोगों के चेहरे पर खोपड़ी का निशान बता देता कि बेताल आ गया।