मेरा खुद का यह मानना है कि ओरिजिनल प्रताप मुलिक जी और चंदू जी के आर्टवर्क से सजा, संजय गुप्ता जी के कलम से लिखा Classic Nagraj जिसने शुरुवाती 10 सालों में भारतीय कॉमिक्स जगत पर राज़ किया, वही असली नागराज था. आज के नागराज में वह बात नहीं जो फैंस को नागराज का दीवाना बना देती थी.
विसर्पी की शादी कॉमिक्स के बाद, जब प्रताप मुलिक जी ने नागराज को बनाना छोड़ दिया तब अलग अलग आर्टिस्टों ने नागराज पर तरह तरह के प्रयोग करके उस ओरिजिनल नागराज को एक तरह से मार दिया, लेकिन जो बुलंदियां उस Classic Nagraj को मिली वह बाद में नागराज को कभी नहीं मिली, जो खतरनाक विलेन्स Classic Nagraj के वक़्त आये वैसे विलेन्स फिर कभी नहीं रचे गए. कुछ फैन्स ने उसी Classic Nagraj के लिए बहुत ही उम्दा पंक्तिया लिखी है और आज मैं उन्ही के ज़ज़्बातों को यहां प्रकाशित कर रहा हूँ.
Sameer Luckky जी की कलम से लिखा Classic Nagraj का विवरण उनकी दीवानगी खुद ही बयान करता है :
दोस्तों कुछ share करना चाहता हूँ , about नागराज, Classic Nagraj, जिसे चंदू जी, विठल जी, प्रताप जी बनाते थे, मुझे आज भी याद हे की मेरी पहली कॉमिक्स मेरे मामाजी ने गिफ्ट की थी जिसका नाम था ” खुनी खोज ” और ये कॉमिक्स मेरे कॉमिक्स संग्रह करने की प्रेरणा बन गई. ये मेरे कलेक्शन की पहली कॉमिक थी.
Classic Nagraj, जो हमेशा सफर में होता, जिंदगी की रंगीन ख्वाहिशो से दूर, अपने काम पर फोकस, वो सिर्फ जिंदगी की बुनियादी जरूरतों के साथ ही जीता था। अकेला सा थोड़ा शर्मीला सा… उसके चेहरे पर हमेशा एक विनर स्माइल होती और उसके आस-पास के लोग उसे नज़र अंदाज़ नहीं कर पाते थे. चाहे अब तक नागराज की ढेरो कॉमिक्स आ चुकी हो मगर खुनी खोज की 2 situation भुलाए नही भूलती। पहली जिसमे नागराज डबल सेवन को, टाइगर और डेन्गो से बचाता हे और वो डायलॉग “आठ आदमी मिलकर अकेले आदमी को विलियम की ताकत दिखा रहे हे ?” जैसे चेतावनी, आगाज़ कि पाप का घड़ा भर चुका है… और चन्द सेकंडो में सब का सफाया। Classic Nagraj की फाइटिंग स्टाइल भी बेजोड़ थी जैसे वो हर दुश्मन को एक मौका देता कि मुझे खतम कर सको तो कोशिश कर लो, पर में जनता हूँ कि तुम भी मुझे नहीं मार सकते।
NAGRAJ AUR BUGAKU : ALL TIME BESTSELLER
दूसरी सिचुएशन जिसमे नागराज फ्लोरिडा को साँप के काटे से बचाता है, और वो डायलॉग “ये देखिये मिस फ्लोरिडा .. ये दुनिया का सबसे जहरीला साँप है ” और उसे जेब में रखते हुए सोचता “पर मुझसे जहरीला नहीं”. यहाँ मैं उसका फैन बन गया और अब भी उसी Classic Nagraj का फैन हूँ। नागराज हर फाइटर की आर्ट का सम्मान करता, और उसे इस्तेमाल करने का पूरा मौका भी देता। उनके सारे दाव सारी ताकत ख़त्म हो जाने देता और फिर फाइनल वार करता, जैसे वो अपने दुश्मन को नहीं उसके अंदर बसी बुराई को मार रहा हो. जेसे वो दुनिया को ये बताना चाहता हे कि बुराई की शक्ति कितनी ही विकराल क्यो ना हो, सच्चाई की ताकत से कभी नहीं जीत सकती। कई दुश्मन उसे परलोक पहुँचाने की सोचते लेकिन खुद मरते मरते भी उसकी तारीफ करते जाते थे. निरीह जानवरो से प्रेम, बच्चो से प्यार करना, कमजोरो मदद करना, उन्हें हिम्मत देना, अपना काम खत्म कर वहाँ से गुमनाम सा चला जाता। कुछ के दिलो में बस कर, किसी और जगह पर, किसी और रास्तो पर (जैसे कोई संत या पीर). नागराज ने अपना पूरा जीवन मानवता को सौंप दिया था, उसकी कोई व्यक्तिगत निजी जिंदगी नहीं थी और वो सही मायनो में इंसानियत का पाठ सिखाता था. वो सारे मजहब, जाति को एक तार से जोड़ता, सिखाता की एकता में कितना सुकुन, शक्ति और शांति है.
कई बार ऐसा लगता जैसे नागराज मायूस है जैसे उसे ये दर्द हमेशा सताता कि वो एक इंसान होते हुए भी इंसान नहीं बस एक हथियार है, जो चल चुका है, इस कड़वे सच को भी वह पी जाया करता। जब आतंकहर्ता नागराज आया तो मुझे लगा कि यह वही नागराज है, मेरा वाला नागराज, लेकिन शीतनागकुमार, नागु, कणों में बदलने की शक्ति देखकर मैं फिर दुखी हो गया. मैं चाहता हूँ की जहाँ इतने टाइप के नागराज “नरक नाशक, विश्वरक्षक, आतंकहर्ता नागराज हैं तो एक हमारा Classic Nagraj भी हमें मिलना चहिये। मुझे नागराज ज्यादा शक्तियों के साथ पसन्द नहीं, रियल पर्सनालिटी तो Classic Nagraj की ही थी.
NAGRAJ AUR JAADUGAR SHAAKURA : BLAST FROM THE PAST
Nitin Singh जी के शब्दों में बयान Classic Nagraj की महागाथा
आज भी नागराज की क्लासिक चित्रकथाओं को पढ़ने के बाद जज़्बातों पर काबू रख पाना बड़ा मुश्किल है, दृश्य बड़े लुभावने लगे, बड़ा अच्छा लगा नागराज इतना बड़ा अपराध विनाशक होने के बाद भी कितनी सादगी से रहता है. एक आम इंसान की तरह टेक्सी की सवारी करता है. अपने युद्ध कौशल जिसमें वो निपुण है उन कलाओं का उपयोग करता है , मार्शल आर्ट, कुंग-फू, स्नेक हेण्ड इत्यादि कलाओं का इस्तेमाल करके दुश्मनों का खात्मा करता है, जो आजकल के नागराज की तरह फालतू की बातें नहीं करता, जिसकी शक्तियां ही इतनी घातक है के उसे दिमाग का इस्तेमाल करने की जरुरत नहीं पड़ती।
Classic Nagraj जिसे हर सफर में कोई ना कोई हसीन लड़की मिलती है, पर वो किसी साधु, पीर, महात्मा की तरह निःस्वार्थ मन अपना काम कर चुपचाप इस तरह चला जाता है, जैसे उसने मानवता के लिये कुछ किया ही ना हो. जिसे किसी की मदद के बदले कुछ भी नहीं चाहिये किसी का थैंक्स भी नहीं। ऐसा लगता है, वो खुदा का कोई नेक बन्दा, कोई फरिश्ता है जो सिर्फ मानवता की भलाई के लिये ही इस दुनियां में आया है। वो और सुपरहीरोज से बिल्कुल अलग जिसका एक ही प्रण है एक ही मकसद है, विश्व से आतंकवाद का खात्मा, उसकी अपनी कोई निजी जिंदगी नहीं है. बच्चों की प्यारी स्माइल ही जिसका मेहताना है, मजलूमों की मदद करना ही जिसका पेशा है. वो पेशेवर कातिल भी है पर केवल उन आतंकवादियों के लिये जिनका पेशा है संसार में आतंकवाद फैलाना। मेरे हिसाब से Classic Nagraj से बड़ा सुपरहीरो कोई नहीं। Classic Nagraj एक ऐसा दीया था जो खुद जलकर भी पूरी दुनियां को रोशन करता था, जिसकी अपनी कोई खुशी कोई व्यक्तिगत निजी जिंदगी नहीं थी, जो बस औरों के लिये जिता था.
LEGEND OF PRATAP MULICK : GODFATHER OF INDIAN COMICS INDUSTRY
Tushar Goyal जी का अनुभव Classic Nagraj के साथ
हेल्लो दोस्तों, मैं RC का पुराना रीडर नहीं हूँ। लेकिन मेरा Raj Comics से जुड़ाव का कारण नागराज ही बना। हुआ यूँ की 2009 की गर्मी की छुटियाँ चल रही थी। मैं अपने cousin के घर गया था।मैं और मेरा cousin शुरू से डायमंड कॉमिक्स बहुत पढ़ा करते थे। लेकिन 2009 की छुटियो के दौरान मैं उसके घर गया तो उसके हाथ में नागराज की कॉमिक थी जिसका नाम था “नागराज अंडर अरेस्ट”। उस वक़्त मुझे Raj Comics के बारे में कुछ भी मालूम ना था। उसने मुझे मुझे कॉमिक दिखाते हुए कहा की ये बहुत शानदार कॉमिक है तू इसे एक बार जरूर पढना। मैंने कॉमिक उस से ले ली और वापिस घर आ गया। घर आकर जब कॉमिक पढ़ी तो मैं नागराज का फैन बन गया क्यूंकि कॉमिक का आर्टवर्क, कलरिंग और स्टोरी इतनी धमाकेदार थी की मैं वो कॉमिक हर रोज पढने लगा।
एक कारण और भी था की एक भारतीये सुपर हीरो दुसरे देश में जाकर वहां का आतंकवाद खात्मा करता था। उसके बाद से नागराज की जो भी कॉमिक्स मुझे मिलती गयी मैं खरीदता चला गया चाहे वो अनुपम सिन्हा जी का नागराज हो या नितिन मिश्रा जी का। हालांकि उस दौरान मुझे ये भी नही पता था की नागराज में असल में है कौन और वो क्यों ऐसे सफर करता था और यही बात मुझे रोमांच भर देती थी और मेरे अन्दर नागराज को जानने की जिज्ञासा बढ़ने लगी थी। उस दौरान मुझे Pratap Mulick जी के नागराज वाले कॉमिक्स पढने का मौका नही मिला था क्यूंकि उस वक़्त वो कॉमिक्स हमारे यहाँ अवेलेबल नही थी। शुरुआती दिनों में काफी कंफ्यूज रहता था नागराज को लेकर क्यूंकि तब तक नागराज के तीन अवतार निकल चुके थे और मुझे कुछ भी मालूम ना था। कारण ये भी था की एक तरफ मैं आतंक हर्ता नागराज को आतंकवाद का खात्मा करते देखता हूँ तो दूसरी तरफ महानगर में बैठा देखता था और सच कहूँ तो मुझे महानगर में बैठा हुआ नागराज कभी पसंद नही आया।
मेरी नागराज को लेकर सारी confusion तब दूर हुई जब मेरे पास Pratap Mulick जी वाले नागराज का कलेक्शन हाथ लगा क्यूंकि वो नागराज की शुरूआती कॉमिक्स थी जिसकी वजह से नागराज को समझना मेरे लिए बहुत आसान हो गया। जब मैंने प्रताप जी वाले नागराज की कॉमिक्स पढ़ी तो मैं काफी इतना अच्छा लगा जिसे मैं कम शब्दों में ब्यान नही कर सकता क्यूंकि मुझे एक ऐसे सुपर हीरो की कॉमिक पढने का मौका मिला था जो पूरे विश्व में घूमता था और आतंकवाद का सफाया करता था और यही बात नागराज को दुनिया भर के सुपर हीरोज से यूनिक बनाती थी क्यूंकि बाको सुपर हीरोज सिर्फ एक जगह बैठकर लोगों को बचाते हैं जबकि नागराज पूरे विश्व को बचाता था।
NAGRAJ KI KABR REVIEW : AIN’T NO GRAVE FOR CRIME FIGHTER
लेकिन जब नागराज को अनुपम सिन्हा जी के हाथ में सौंपा गाया था तो उन्होंने नागराज की वो uniqueness खत्म कर दी क्यूंकि उसे भी बाकी सुपर हीरोज की तरह एक जगह बिठा दिया और उसके अस्तिव के साथ छेड़छाड़ कर दिया जिसकी वजह से पुराने नागराज रीडर्स ने नागराज की कॉमिक्स को discontinue कर दिया और ये सही भी था क्यूंकि एकदम से कोई दूसरा राइटर ऐसा करेगा तो उनकी कॉमिक्स पढना भी कौन चाहेगा। सच कहूँ तो मुझे भी क्लासिक नागराज बहुत पसंद है और मैं भी चाहता हूँ की नागराज की क्लासिक स्टोरीज वापिस आ जाए। अगर मेरी पहली Raj Comics अनुपम सिन्हा जी या नितिन मिश्रा जी वाले नागराज की होती तो शायद मैं Raj Comics नही पढता ।