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Why Bollywood Superhero Movies Doesn’t Work

Bollywood Superhero Movies

आज अगर देखे तो हॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में Superhero Movies का ही दबदबा है, Avengers, Batman, Superman, Guardians of Galaxy और हाल ही में आयी Logan ने कमाई के रिकॉर्ड कायम किये हैं. Wolverine की Logan ने भारत में बॉलीवुड फिल्म की तुलना में कहीं अधिक कारोबार किया है. इसमें कोई दोराय नहीं कि भारत में सुपरहीरो चाहने वालों की कमी नहीं है. तो क्या वजह है कि Bollywood Superhero Movies कुछ ख़ास कमाल नहीं कर पाती हैं, आज इसी विषय पर थोड़ी चर्चा की जाए.

मेरे ख्याल से Hollywood Superhero Movies की सफलता का प्रमुख कारण है उनके Larger then Life किरदार, उदाहरण के तौर पर Batman की पहली कॉमिक 1939 में आयी थी और तभी से आज 2017 तक करीब 78 साल से यह पीढ़ी दर पीढ़ी सबका चहेता किरदार है और अब जब Batman पर कोई फिल्म आती है तो Batman की Huge Fan Following की वजह से बॉक्स ऑफिस पर पैसो की बरसात होती है और जो लोग Batman से नावाकिफ हैं वह भी इसी बॉक्स ऑफिस सफलता से प्रभावित होकर वह फिल्म देखने जाते है. इसके विपरीत Bollywood Superhero Movies में हमेशा नए किरदार को सुपरहीरो में तब्दील किया जाता है जो दर्शकों के लिए बिलकुल ही नया होता है, और उस किरदार से कोई जुड़ाव न होने की वजह से फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कमाल नहीं दिखा पाती है.

Bollywood Superhero Movies के सफल न हो पाने की दूसरी वजह है कि हमारे यहां आज भी कॉमिक्स या सुपरहीरो को बच्चो की चीज़ समझा जाता है जबकि असल में कई कॉमिक्स किरदारों की कॉमिक्स सिर्फ वयस्कों के लिए ही आती है, या फिर वह किरदार वयस्कों के लिए ही बनाये गए है जैसे कि The Punisher, Batman और Wolverine. भारतीय कॉमिक्स जगत में भी Raj Comics का किरदार Doga और Yali Dream Creations की Caravan Series में वयस्कों का कंटेंट ज़्यादा है. असल में बॉलीवुड में जो लोग सुपरहीरो जोनर की मूवीज बनाते है शायद उन्हें इस जोनर की जानकारी ही नहीं है, इसलिए Bollywood Superhero Movies में बच्चों के मनोरंजक सीन डाले जाते है और पूरी मूवी को बच्चों की मूवी बोलकर प्रमोट किया जाता है.

एक और कारण है बॉलीवुड में पुरानी घिसी पिटी प्रेम कहानियां जो बॉलीवुड के शुरूआती दौर से चली आ रही हैं. आज भी वही प्रेम कहानियों को दोहराया जा रहा है, साथ ही बड़ा दर्शक वर्ग जो कि युवा है अपनी प्रेमिकाओं या महिला मित्रों के साथ मूवी देखता है और फीमेल वर्ग सुपरहीरो जोनर की जगह बॉलीवुड प्रेम कहानी को तवज्जो देती है जिससे पुरुष वर्ग को भी वही मूवी देखनी पडती है.

Bollywood Superhero Movies

Bollywood Superhero Movies में प्रमुख किरदार को अचानक से ही अदभुत पावर्स दे दिए जाते है, जिनसे वह खुद भी अनजान है तो भला दर्शकों को कैसे पता होगा कि फलां सुपरहीरो क्या क्या कर सकता है, पिछले साल आयी Flying Jatt इसका ताज़ा उदाहरण है जिसमे नायक विलेन से कभी ज़मीन में लड़ता है, कभी आसमान में तो कभी अंतरिक्ष में. बहुत सारे सीन हॉलीवुड मूवी से ज्यों के त्यों उठाये गए थे जैसे X-Men Appocalypse का क्विक सिल्वर वाला सीन, Man of Steel के Supreman और General Zod के फाइट सीन, डायरेक्टर को सोचना चाहिए कि अब लगभग हर भारतीय हॉलीवुड मूवीज देखता है तो ऐसे सीन्स तो तुरंत ही पकड़ लिए जाएंगे। इसी कारण दर्शक को फिल्म कचरा लगने लगती है और फिल्म की माउथ पब्लिसिटी नेगेटिव हो जाती है.

किसी भी Superhero Movie में फिल्म का किरदार और उस किरदार का डेवलपमेंट बहुत ही अहम् होता है जैसे Batman की हर मूवी में उसका Origin दिखाते है क्योंकि दर्शक उससे कनेक्ट हो सके, Logan मूवी में भी Wolverine के आंतरिक द्वन्द और पीड़ा को बहुत ही बढ़िया ढंग से दिखाया गया है तभी इस फिल्म तो इतने पॉजिटिव रिव्यु मिले है, लेकिन Bollywood Superhero Movies में ऐसा कुछ देखने को नहीं मिलता, सीधी सपाट कहानी को दर्शक सिरे से ही नकार देते है क्योंकि वह किरदार से relate नहीं कर पाते हैं.

अगर वाकई में बॉलीवुड को अच्छी Superhero कहानी बनानी है तो उसे कॉमिक्स के किरदारों को लेकर मूवी बनानी होगी जैसे Doga, Dhruva, Nagraj, Tiranga, Angaara इत्यादि। अगर किरदार पुराना हो तो सफलता की सम्भावना काफी हद तक बढ़ जाती है, टेलीविज़न पर आने वाला कार्टून Motu Patlu इसका अच्छा उदाहरण है, क्योंकि Motu Patlu पुराने किरदार हैं जिनका एनिमेटेड वर्शन TV पर आ रहा है तो बच्चो के साथ साथ बड़े भी इसे चाव से देख रहे है क्योंकि बचपन में उह्नोने लोटपोट पढ़ी है, जिसमे यह दोनों किरदार आते थे.

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