1993 में आयी Bhokal Ki Talwar महाबली भोकाल की प्रथम Raj Comics विशेषांक थी, कहानी कुछ इस तरह है कि दूसरे ग्रह “अदभुत” का दिव्यास्त्रों का चोर महाबली नासन Bhokal Ki Talwar, अतिक्रूर का दंताक, तुरीन का मुकुट और भी कई दिव्यास्त्रों की चोरी कर लेता है और यह सभी शूरवीर भोकाल, शूतान, अतिक्रूर, तुरीन, वेणु, पीकू पकोडिया अपने शस्त्रों को वापिस लेने अदभुत नामक ग्रह जाते है.
वहाँ कई दुश्मनो का सामना करते हुए महाराज पपलू का साथ देते हैं जो उस ग्रह पर रहते हैं और नासन के कुशासन से पीड़ित हैं. नासन से प्रथम युद्ध करने पर यह सभी महाबली उसके सामने टिक नहीं पाते क्योंकि सभी के अस्त्र और साथ में दिव्यास्त्रों महाबली नासन के काबू में हैं और वह उन सभी अस्त्रों का प्रयोग युद्ध में करता है. भोकाल, अतिक्रूर को गंभीर रूप से घायल कर मारने ही वाला होता है तभी एक चमत्कार स्वरुप भोकाल का अभिन्न मित्र तिल्ली वहां आकर उनकी जान बचाता है.
अगले युद्ध से पहले भोकाल, तिल्ली, शूतान, अतिक्रूर, तुरीन कैसे अपने शस्त्र हासिल करते है और कैसे दुष्ट नासन का विनाश करते हैं इसी की कथा है Bhokal Ki Talwar.
Bhokal Ki Talwar में आपको आधुनिक हथियार भी देखने को मिलते है जैसे AK47, स्टेनगन, तोप, हथगोले इत्यादि, तो इन विनाशकारी भविष्य के हथियारों के आगे कैसे लोहा लेते है हमारे महाबली, और कैसे परास्त करते है महाबली नासन को, इसी की दास्ताँ है इस राज कॉमिक्स विशेषांक में.
Bhokal Ki Talwar की ख़ास बात है इसमें भोकाल और तिल्ली की दोस्ती को बहुत ही गहराई से दिखाया गया है और दोनों ही एक दूसरे के लिए अपनी जान न्यौछावर करने को हमेशा तत्पर रहते है, चाहे परिस्तिथियाँ कैसी भी हो. Pratap Mulick जी का मुखपृष्ठ का आर्टवर्क एकदम शानदार है. चित्रांकन मिलिंद मिसाल जी का है और लेखक है संजय गुप्ता जी.